बीजापुर-एक तरफ छग सरकार विकास के दावे कर रहीं तो दूसरी तरफ आदिवासी जीवन इस हकीकत से कौसो दूर है....छग के सुकमा से सरगुजा के आदिवासियों ने ...
ताजा मामला बीजापुर जिले के भैरमगढ़ इलाके का है जहां इंद्रावती नदी पर पुंडरी-ताडबाकरी गांव में एक पुल के निर्माण का काम किया जा रहा है... लेकिन आदिवासियों का आरोप है कि ये निर्माण कार्य बिना ग्राम सभा की अनुमति के हो रहा है... इस काम को लेकर गांववालों ने पिछले साल मार्च में इसके विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया, तब सरकारी तंत्र ने विरोध करने बैठे आदिवासियों पर 26 मार्च को लाठीचार्ज कर दिया... इस घटना में करीब 50 लोग घायल हुए... जबकि इस आंदोलन में शामिल 8 आदिवासियों को जेल भेज दिया गया..
सरकार के इस रवैये से परेशान आदिवासी एक बार फिर एकजुट हुए है...और 15 जनवरी से इंद्रावती नदी के किनारे रैली निकालकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है...जिसमें 11 ग्राम पंचायतों से करीब 3 हजार से अधिक लोग शामिल हुए हैं.... बस्तर संभाग में कम से कम 13 जगहों पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है... घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे हुए इन क्षेत्रों में हजारों आदिवासी दिन रात आंदोलन में शामिल है....
आदिवासियों की मांग है कि जब तक सरकार पेसा कानून और ग्राम सभा की अनुमति को तव्वजो नहीं देती तब तक, उनके इलाके में सरकारी निर्माण कार्य का विरोध किया जाता रहेगा... वहीं मूलवासी बचाओ मंच इंद्रावती क्षेत्र के पदाधिकारियों ने मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन करने की चेतावनी दी है..साथ ही मांग पूरी ना होने का खामियाजा सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।
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