जगदलपुर–जगदलपुर के लाल बाग मैदान में 3 दिवसीय धर्मसभा चल रहीं है...आज से शुरु हुई इस धर्मसभा में पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी...
जगदलपुर–जगदलपुर के लाल बाग मैदान में 3 दिवसीय धर्मसभा चल रहीं है...आज से शुरु हुई इस धर्मसभा में पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भी पहुंचे है..जिन्होंने धर्मार्थ के जरिए इन सभी मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी..जिनसे इस समय देश की राजनीति गर्माई है...
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के वर्ण व्यवस्था पर दिए बयान पर राजनीति के बाद अब धर्मसभा में मामला उठ रहा है... वर्ण व्यवस्था को लेकर तेज हो रहीं सरगर्मियों के बीच पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का बयान आया है ..और उन्होंने आरएसएस पर सीधा निशाना साधा है...उन्होंने कहा कि सभी के पूर्वज सनातनी हिन्दू ब्राह्मण ही थे...प्रथम ब्राह्मण का नाम ब्राह्मा जी है...शास्त्रों का अध्यनन करें...विश्व में जितनी विज्ञान-कला है सबको उत्भाषित करने वाले ब्राह्मण ही है...शिक्षा,रक्षा और सेवा के प्रकल्प सदा संतुलित रहें..इसके लिए सनातन व्यवस्था को नहीं मानेगें तो कौन सी व्यवस्था होगी...आरएसएस के पास अपना ना कोई ग्रंथ है...ना ही ग्रंथ का ज्ञान...वर्ण व्यवस्था पंडितों ने बनाई है...मूर्खों ने तो नहीं बनाई..आज भी विश्व में अर्थ की गुत्थी सुलझाने के लिए भारत के ब्राह्मणों के पास ही आते है...संयुक्त राष्ट्र संघ की जितनी गुत्थियां थी सब हमारे पास आकर सुलझी...
वहीं छग के आबकारी मंत्री कवासी लकमा के आदिवासी वाले बयान पर शंकराचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आदिवासी शब्द हमारी संस्कृत पर कुठाराघात है...ये हिन्दू नहीं तो कौन है...इस दौरान शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने मंत्रीमंडल की व्यवस्था भी बताई की, उसमें किस वर्ण से कितने लोग लिए जाते थे...साथ ही छग के नक्सलवाद जैसे मुद्दे पर राजनैतिक पार्टियों के घेरते हुए कहा की अगर पक्ष-विपक्ष नक्सलवाद से हाथ खींच लें तो कितने नक्सली रह जाएंगें...जितने रह जाएंगें,मैं दावा करता हूं कि मैं सब नक्सलवाद को खत्म कर दूंगा..ये सब इनके पाले हुए।
No comments