जगदलपुर-थकान मिटाने के लिए हम अक्सर चाय का सहारा लेते है...लेकिन जगदलपुर में एक ऐसा चाय वाला है जो चाय पिलाने के साथ साथ आपकी कई समस्याएं ...
जगदलपुर-थकान मिटाने के लिए हम अक्सर चाय का सहारा लेते है...लेकिन जगदलपुर में एक ऐसा चाय वाला है जो चाय पिलाने के साथ साथ आपकी कई समस्याएं हर लेता है...ये अंदाजा आपको चाय की गुमटी में लगे स्लोगन से ही समझ आ जाएंगें...जैसे डेढ़ हजार रुपए तक की मुफ्त दवा...प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को निशुल्क दूध..और बेटी बचाओं का संदेश...
चाय को चम्मच से हिला कर स्वाद देने में लगे ये शख्स है अशोक जायसवाल...जिनके नैक इरादें दूर से ही पढ़ के समझ आ जाते है...चाय के साथ साथ समाज सेवा करने का उनका ये इरादा बिलकुल जुदा है...ऐसा नहीं है कि अशोक किसी मिलकियत के मालिक है....बल्कि अशोक खुद आर्थिक रुप से कमजोर रहें है...और यहीं वजह है कि पैसों से कमजोर लोगों के लिए खुद ढाल बनकर खड़े है... वैसे तो अशोक मूलरुप से उत्तरप्रदेश प्रयागराज के रहने वाले है...लेकिन हालात 2015 में उन्हें बस्तर ले आए...और फिर अशोक बस्तर के ही हो गए... अशोक की दुकान में चाय की चुस्कियां लेते हुए हमने वो सारे सवाल पूछ लिए जो जहन में उठ रहें थे...
अशोक पिछले आठ साल से चाय की गुमटी संभाल रहेंहै...अपने नैक इरादों के कारण उनकी दुकान में चाय पीने वालों की भीड़ लगी रहती है...हालांकि अशोक अभी इतने फैमस नहीं है कि उनकी डॉक्टर चायवाला की एक से ज्यादा दुकानें हो ...फिर भी अशोक महिने का 40 से 50 हजार कमा लेते है.और उसी में से जरुरतमंदों की मदद भी कर देते है...
दुकान के नाम पर संशय था तो हमने भी पूछ लिया कि ..डॉ. चायवाला ही क्यों..क्या आपने मेडिकल की पढ़ाई की है...या आपका सपना डॉ बनने का था...इस पर अशोक मंद मंद मुस्कुराते हुए बताते है कि ये उनका प्यार का नाम है...जो बचपन में नानी ने रखा था...और इसी प्यार को बरकरार रखते हुए अशोक ने इस नाम को चुना...इतना ही नहीं अशोक सार्वजनिक प्याऊ भी चलाते है...शहर के महारानी अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को अशोक गर्म पानी भी मुहैया कराते है... बचपन से ही उनके मन में समाज सेवा की भावना रही ..जिसे वो आज जीवंत कर पा रहें है।
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