जगदलपुर–कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीतकर एक बार फिर सरकार बनाने के लिए प्रदेश भर में 22 सिटिंग विधायकों की टिकट काटी है जगदलपुर में सिटिंग व...
जगदलपुर–कांग्रेस पार्टी ने चुनाव जीतकर एक बार फिर सरकार बनाने के लिए प्रदेश भर में 22 सिटिंग विधायकों की टिकट काटी है जगदलपुर में सिटिंग विधायक रेखचंद जैन का टिकट काटकर पूर्व महापौर जतिन जयसवाल को पार्टी ने मौका दिया है जतिन जयसवाल जगदलपुर के लिए पैराशूट कैंडिडेट माने जा रहे हैं दरअसल महापौर का कार्यकाल खत्म होने के बाद जतिन जयसवाल सक्रिय राजनीति से बेहद दूर हो गए थे ऐसे में उन्हें टिकट मिलने की संभावनाएं भी बेहद कम थी हालांकि कांग्रेस पार्टी के अंदर की गुटबाजी ने उन्हें एक बार फिर अप्रत्याशित तरीके से पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार बना दिया।
वर्ष 2014 के आखिर में हुए नगरी निकाय के चुनाव के दौरान भी जतिन जयसवाल अचानक से सुर्खियों में आ गए थे उस दौरान हुए महापौर के चुनाव में पार्टी ने अधिकृत तौर पर मलकीत सिंह गैदू का नाम घोषित किया था मलकीत ने नामांकन फार्म भी दाखिल कर दिया था जगदलपुर नगर निगम महापौर की कुर्सी ओबीसी के लिए आरक्षित थी ऐसे में पार्टी ने एक और कैंडिडेट को डमी नामांकन भरने को कहा था बताया जाता है कि नामांकन फार्म छटनी के दौरान मलकीत सिंह गैदू का नामांकन फार्म रद्द कर दिया गया था तब जतिन जयसवाल को महापौर का चुनाव लड़ने का मौका मिल गया था। भारतीय जनता पार्टी की ओर से योगेंद्र कौशिक पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी थे बताया जाता है कि योगेंद्र कौशिक आरएसएस से जुड़े हुए थे और इसको लेकर भाजपा में नाराजगी थी इसका फायदा जतिन जयसवाल को मिला और वे चुनाव जीत गए।
एक बार फिर जतिन जयसवाल चुनावी मैदान में है उनके मुकाबले में भारतीय जनता पार्टी में संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले पूर्व महापौर किरण देव मैदान में उतरे हुए हैं जतिन जयसवाल के लिए हालात वैसे नहीं है जैसे महापौर के चुनाव में थे एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत चुनावी प्रचार में झोंक दी है वही सक्रिय राजनीति से दूर रहे जतिन सिटिंग विधायक रेखचंद जैन और पुर्व शहर जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा के ऊपर ज्यादा निर्भर दिखाई दे रहे हैं चुनावी प्रचार में दोनों नेता जरूर जतिन जयसवाल का साथ देते हुए नजर आ रहे हैं सीटिंग विधायक की पहुंच गांव गांव तक है वहीं पूर्व जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा की भी पकड़ कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी मानी जाती है लेकिन आम जनमानस में जतिन जयसवाल को लेकर कितनी स्वीकार्यता होगी यह अब देखना होगा ।
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